गढ़वाल भारत उत्तराखंड राज्य का एक प्रमुख क्षेत्र है. यहां की मुख्य भाषा गढ़वाली तथा हिन्दी है. गढ़वाल। का साहित्य तथा संस्कृति बहुत समृद्ध है. लोक संस्कृति भी अत्यंत प्राचीन और विकसित है. गढ़वाली लोक के 25 से अधिक प्रकार पाए जाते है. इनमे प्रमुख है 1. मांगलिक गीत,2. जागर गीत,3. तंत्र मंत्रात्मक गीत,4. थड्या गीत,5. चौफुला गीत,6. झुमैलो गीत,7. खुदेड गीत,8. वासंती गीत,9. होरी गीत,10. कुलाचार गीत,11. बाजूबंद गीत,12. लामण गीत,13. छोप्ती गीत,14. लौरी गीत,15. प्टखाई में छूडा,16. न्योनाली गीत,17. दुडा गीत,18. चेती पसारा गीत,19. बारहमासा गीत,20. चौमासा गीत,21. फौफती गीत,22. चांचरी गीत,23. झौड़ा गीत,24. केद्रा गीत,25. सामयिक गीत, अन्य गीतों में हंसोंडा, हंसोंड्डा, जात्रा, बंजारा, बौछडों, बौंसरेला, सिपेय्या आदि.
इन अनेक प्रकार के नृत्य गीतों में गढ़वाल की लोक विश्रुत संस्कृति की झलक स्पष्ट दिखती है. गढ़वाल मंडल दो भागों में बटा हुआ है.
पौड़ी गढ़वाल
टिहरी गढ़वाल.