खटीमा गोलीकांड
1 सितम्बर 1994 को उत्तरांचल राज्य आंदोलन का काला दिवस मना जाता है, क्योंकि  दिन जैसी बर्बरतापूर्ण कार्यवाही इससे कहीं और देखने को नहीं मिली थी. पुलिस द्वारा बिना चेतावनी दिए ही आंदोलनकारियों पर अंधाधुंध गोलियां चलाई गई जिसके परिणास्वरूप सात आंदोलनकारियों की मृत्यु हुई.
1. अमर शहीद स्वर्गीय भगवान सिंह सिरौला, ग्राम श्रीपुर बिछुवा, खटीमा.
2. अमर शहीद स्वर्गीय प्रताप सिंह, खटीमा.
3. अमर शहीद स्वर्गीय सलीम अहमद, खटीमा.
4. अमर शहीद स्वर्गीय गोपीचंद, ग्राम रतनपुर फुलैया, खटीमा.
5. अमर शहीद स्वर्गीय धर्मानंद भट्ट, ग्राम अमरकलां, खटीमा.
6. अमर शहीद स्वर्गीय रामपाल, बरेली.
इस पुलिस फायरिंग में बिचपुरी निवासी श्री बहादुर सिंह और बिछुवा निवासी श्री पूरन चंद नेगी गंभीर रूप से घायल हुआ.
मसूरी गोलीकांड
2 सितम्बर 1994 को खटीमा गोलीकांड के विरोध में मौन जूलूस निकाल रहे लोगों एक बात फिर पुलिस का कहर टूटा. प्रशासन से बातचीत करने गई दो सगी बहनों को पुलिस। ने झूलाघर स्थित आंदोलनकारियों के कार्यालय में गोली मर दी, इसका विरोध करने पर पुलिस द्वारा अंधाधुंध फायरिंग कर दी गई, जिसमें लगभग 21 लोगों को गोली लगी और इसमें 4 आंदोलनकारियों की मृत्यु हो गई.
1. अमर शहीद स्वर्गीय बेलमती चौहान (48), पत्नी श्री धरम सिंह चौहान, ग्राम खलोन, पट्टी घाट, अकोड़ाया, टिहरी.
2. अमर शहीद स्वर्गीय  हंसा धनई (45), पत्नी श्री भगवान सिंह धनई, ग्राम बंग्धार, पट्टी धारमण्डल, टिहरी.
3. अमर शहीद स्वर्गीय बलबीर सिंह नेगी (22), पुत्र श्री भगवान सिंह नेगी, लक्ष्मी भंडार, लाइब्रेरी , मंसूरी.
4. अमर शहीद स्वर्गीय धनपत सिंह (50), ग्राम गंगवाडा, पट्टी गंगवादस्यू, टिहरी.
5. अमर शहीद स्वर्गीय  मदन मोहन मंगाई (45), ग्राम नगजली, पट्टी कुल्डी, मसूरी.
6. अमर शहीद स्वर्गीय  राय सिंह बंगारी (54), ग्राम तोडेरा, पट्टी पूर्वी भरदार, टिहरी.
इन सभी सहीदो को मेरा सत सत नमन.
(Incredible Uttrakhand)
धन्यवाद